Kailash Mansarovar: यम द्वार से प्रारंभ होती है कैलाश पर्वत की परिक्रमा, यदि इस द्वार पर किसी ने बिताई रात तो हो जाएगी मौत!
Kailash Mansarovar: कैलाश मानसरोवर क्षेत्र में कई धार्मिक और रहस्यों से भरे स्थान मौजूद हैं। कैलाश यात्रा पर जाने वाले लोग कैलाश के निकट स्थित इन जगहों पर भी अवश्य जाते हैं। कैलाश के पास मानसरोवर झील, अष्टपद, सप्तऋषि गुफाएं और यम द्वार धार्मिक रूप से बेहद खास स्थान हैं। इन सभी का अपना अलग महत्व है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में यम द्वार से जुड़ी रहस्यमयी बातों और मान्यताओं के बारे में जनाकारी देने जा रहे हैं।
यम द्वार
यम द्वार का अर्थ है- मृत्यु के देवता का प्रवेश द्वार। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यम देव भगवान शिव के पवित्र कैलाश की रक्षा करते हैं। यम द्वार से होते हुए ही श्रद्धालु कैलाश पर्वत की परिक्रमा के लिए निकलते हैं, कैलाश परिक्रमा का यह प्रथम पड़ाव है। यम देवता की दिशा दक्षिण है इसलिए यम द्वार भी इसी दिशा में स्थित है। तिब्बती भाषा में यम द्वार को तारबोचे के नाम से पुकारा जाता है। यम द्वार पर एक ध्वज स्तंभ स्थापित रहता है जिसे हर वर्ष में एक बार पूर्णिमा के दिन बदला जाता है। इस दिन तिब्बती लोगों के द्वारा यहां धार्मिक आयोजन किया जाता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाला हर श्रद्धालु यम द्वार से होकर कैलाश की परिक्रमा के लिए निकलता है। आपको बता दें कि साल 2025 में जून के अंतिम सप्ताह से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हो जाएगी।
यम द्वार के रहस्य
कैलाश पर्वत के पास स्थित यम द्वार से जुड़े कई रहस्य भी हैं। माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां रुके तो उसकी मृत्यु हो जाती है। कई ऐसी घटनाएं अतीत में घटित भी हुई हैं, जब लोगों ने इस द्वार के निकट रात बितानी चाही और अज्ञात कारणों से उनकी मृत्यु हो गई। विज्ञान भी इस बात का जवाब देने में असमर्थ है कि यहां रुकने पर लोगों की मृत्यु क्यों हो जाती है। लोक मान्यताओं के अनुसार, एक बार यम द्वार को पार करके आप कैलाश पर्वत की परिक्रमा के लिए निकल गए तो गलती से भी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो नकारात्मकता आपको घेर सकती है।
हिंदू धर्म में यम द्वार से जुड़ी मान्यता
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, यम देवता मृत्यु के बाद मनुष्य की आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार गति देते हैं। शुभ कर्म करने वालों को जहां स्वर्ग की प्राप्ति होती है, वहीं पाप कर्म करने वाली आत्मा को नर्क मिलता है। यम लोक में हर आत्मा के कर्मों का लेखा जोखा लिखा होता है। चित्रगुप्त जो यमराज के लेखाकार हैं उनके पास आत्मा के पाप, पुण्य की संपूर्ण जानकारी होती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति मृत्यु से पूर्व यम द्वार से गुजरकर कैलाश की परिक्रमा कर ले तो उसके सभी बुरे कर्मों को चित्रगुप्त माफ कर देते हैं। ऐसा करने पर आत्मा को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है। इसलिए यम द्वार का हिंदू धर्म में बड़ा स्थान माना गया है।